हिन्दी फिल्मों में हेमा मालिनी ने शो मैन राज कपूर के साथ ही अपने करियर का आगाज फिल्म ‘सपनों के सौदागर’ से किया .फिल्म भले ही पिट गई लेकिन राज कपूर का स्टाइल हेमा मालिनी को खूब पसंद आया .इसलिए हेमा ने आगे भी राज साहब के साथ काम करने की ख्वाहिश जताई .इस पर राज कपूर ने हेमा को आश्वासन दिया कि जब भी उनकी फिल्मों में उनके लायक कोई रोल होगा वो उन्हें जरूर याद करेंगे.
1978 में जब राज कपूर ने फिल्म ‘सत्यम शिवम् सुन्दरम’ के निर्माण की योजना बनाई तो उनके दिमाग में सबसे पहला नाम राजेश खन्ना और हेमा मालिनी का ही आया .राज साहब ने जब ये ऑफर हेमा मालिनी को दिया तो वो काफी खुश हुई .उन्होंने अगले दिन हेमा को स्क्रीन टेस्ट के लिए आर के स्टूडियो बुलाया और हेमा पहुँच भी गई .जब राज कपूर ने हेमा को इस फिल्म के किरदार रूपा की रूप -रेखा और वेशभूषा के बारे में बताया तो हेमा के हाथ-पाँव फूल गए . रूपा का किरदार अपने समय के हिसाब से काफी बोल्ड और बिंदास था .हेमा मालिनी ये सब करने को राजी नहीं थी .लेकिन वो राज कपूर को सीधे ना भी नहीं कह सकती थी .जब राज साहब ने उन्हें कपडे पहनकर कैमरे के सामने आने को कहा तो हेमा ड्रेसिंग रूम में तो गई लेकिन वहां से चुपचाप खिसक गई .लंबे इंतज़ार के बाद जब हेमा कैमरे के सामने नहीं आई तो राज कपूर समझ गए और बाद में इस रोल के लिए जीनत अमान को ले लिया गया